यह महाविद्यालय मां मंडावी की पवित्र भूमि मांडा खास से दक्षिण मांडा-कोरांव मार्ग पर बाबा देवकुंडनाथ धाम के पास स्थापित है। यह कॉलेज प्रयागराज शहर से 65 किलोमीटर दक्षिण में है।
महाविद्यालय के संस्थापक स्व० शिव कैलाश त्रिपाठी जी ने दक्षिणांचल के मेधावी निर्धन छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान कर उनकी रचनात्मक ऊर्जा को राष्ट्र निर्माण की ओर अग्रसर करने के उद्देश्य से वर्ष 2008 में इस महाविद्यालय की स्थापना की थी।
महाविद्यालय की आधारशिला 15 अप्रैल, 2008 दिन मंगलवार तद्नुसार चैत्र शुक्ल पक्ष दशमी संवत् 2065 को महाविद्यालय के प्रेरणास्त्रोत माननीय डाॅ राकेशधर त्रिपाठी, तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश शासन के कर-कमलों द्वारा रखी गयी। महाविद्यालय का संचान ‘‘कुशल शिक्षा एवं विकास समिति’’ द्वारा श्रीमती शिव कुमारी त्रिपाठी (प्रबंधक) की देख-रेख में किया जा रहा है।
महाविद्यालय में समुचित संख्या में हवादार व्याख्यान कक्ष, प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय, वाचनालय एवं खेल का मैदान उपलब्ध है। महाविद्यालय में योग्य एवं अनुभवी प्राध्यापकों द्वारा नियमित कक्षाएं संचालित हो रही हैं। महाविद्यालय के छात्रों को आॅनलाइन क्लास करने की भी सुविधा उपलब्ध है।
06 2023 |
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शिक्षा व्यक्ति में अन्तर्निहित क्षमता तथा उसके व्यक्तित्व को विकसित करने वाली प्रक्रिया है। यही प्रक्रिया उसे समाज में एक वयस्क की भूमिका निभाने के लिए सामाजीकृत करती है तथा उसे एक जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए आवश्यक ज्ञान एवं कौशल प्रदान करती है।
क्षेत्र में उच्च शिक्षा संस्थान की कमी को दूर करने और विद्यार्थियों को व्यावसायिक शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्वच्छ एवं प्रदूषण रहित वातावरण में इस महाविद्यालय की स्थापना की गई है। महाविद्यालय में कत्र्तव्यनिष्ठ एवं योग्यतम प्राचार्य, प्राध्यापकों एवं अन्य कर्मचारीगणों की नियुक्ति की गई है, क्योंकि अच्छी शिक्षा प्रदान करके ही हम उन्हें समाज में प्रभावी योगदान देने वाला नागरिक बना सकते हैं। मैं उन सभी सम्मानित व्यक्तियों को धन्यवाद प्रकट करती हूँ जिन्होंने महाविद्यालय की स्थापना, संरचना तथा दिशा देने में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है।
मेरा यह पूर्ण विश्वास है कि आपके सहयोग से यह महाविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में नयी ऊँचाईयों को छुयेगा और गौरवमय स्थान प्राप्त करेगा।
यह बहुत ही प्रसन्नता का विषय है कि महावीर कैलाश महाविद्यालय अपने स्थापना काल से लेकर आज तक अपने बहुमुखी विकास के पथ पर अग्रसर है।
आज आवश्यकता है कि हम शिक्षा की ऐसी ज्योति जलायें जो शहर-शहर, गाँव-गाँव और घर-घर को आलोकित कर दे। मानव, तकनीकी युग से प्रति-पल सजग होते हुए जीवन में ज्ञान-विज्ञान व तकनीकी के मंगलयान पर आरुढ़ हो और जीव व जगत् को समझने का प्रयास करे। मुझे पूरा विश्वास है कि यह महाविद्यालय विगत् वर्षों में भी अनुभवी शिक्षकों के शिक्षण, छात्रों के कठिन परिश्रम तथा अभिभावकों के बेहतर सहयोग से अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होगा।
मैं महाविद्यालय के कुशल संचालन हेतु प्रबन्धक जी की प्रेरणा, प्राचार्य एवं प्राध्यापकों की मेहनत, विद्यार्थियों को उनकी लगन और अभिभावकों को उनके सहयोग के लिए आभार व्यक्त करता हूँ।
बड़े हर्ष का विषय है कि यह महाविद्यालय उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नित्य नई ऊँचाइयों को छू रहा है। वर्तमान में संचालित पाठ्यक्रमों के साथ-साथ आगामी सत्र से हम चार-वर्षीय बीएड और डीएलएड (आईटीईपी) कार्यक्रम प्रारम्भ करने के लिए प्रयासरत हैं। इस संस्थान के माध्यम से हमारा प्रयास रहेगा कि विद्यार्थियों को ऐसा सुरक्षित और बौद्धिक रूप से चुनौतीपूर्ण वातावरण प्रदान किया जाय, जिससे वे 21वीं सदी की सभी समस्याओं और जटिलताओं को पार करते हुए एक अच्छे महत्वाकांक्षी नागरिक के रूप् में विकसित हों।
हमारा लक्ष्य उच्च शिक्षा के स्तर को सुधारना है जिससे छात्र-छात्राओं में व्यक्तिगत अनुशासन एवं सेवा-भाव का संचार हो सके। शोर-गुल वाले वातावरण से दूर शान्त एवं हरे-भरे कैम्पस और आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित महाविद्यालय, शिक्षक एवं स्टाॅफ छात्र-छात्राओं के उज्जवल भविष्य के प्रति दृढ़-प्रतिज्ञ हैं। मेरी सभी नवागत छात्र-छात्राओं को महाविद्यालय परिवार की ओर से हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।